Osho
जैसी मीरा में सहज उद्भावना हुई भक्ति की, कहीं भी किसी और में हुई नहीं। भक्त और भी हुए हैं, लेकिन सब मीरा से पिछड़ गये। मीरा का तारा बहुत जगमगाता हुआ तारा है आओ इस तारे की तरफ चलें अगर थोड़ी-सी बूंदें तुम्णरे जीवन में बरस जाये मीरा के रस की, तो भी तुम्हारे रेगिस्तान में फूल खिल जाएंगे। अगर तुम्हारे हृदय में थोड़े से भी वैसे आंसू घुमड़ आएं, जैसे मीरा को घुमड़े, और तुम्हारे हृदय में थोड़े-से राग बजने लगें जैसा मीरा को बजा थोड़ा-सा सही। एक बूंद भी तुम्हारे रंग जाएगी और नया कर जाएगी। इस पुस्तक में मीरा की भक्ति पर ओशो द्वारा दिखाए गए प्रवचनों को संकलित किया गया है। यह पुस्तक मीरा की भक्ति को समझने के लिए उपयुक्त साबित हो सकती है