Pratap Narayan Singh
यह उपन्यास महाराणा प्रताप के जीवन पर आधारित है। उनके साहस, धैर्य, वीरता और स्वातंत्र्य-प्रेम की स्तुति भारतीय जन-मानस पिछले साढ़े चार सौ वर्षों से करता आया है। किंतु सत्तावन वर्ष के जीवन-काल वाले राणा प्रताप से आम जनमानस का परिचय कुछ गिनी-चुनी घटनाओं जैसे, हल्दीघाटी का युद्ध और अरावली की कुछ जन-श्रुतियों तक ही सीमित है। लोगों को यह तक ज्ञात नहीं है कि उनका जन्म कहाँ हुआ था, कहाँ लालन-पालन हुआ, कहाँ राजतिलक हुआ, कहाँ उनकी राजधानी रही और कहाँ उनका देहावसान हुआ। इस उपन्यास में राणा प्रताप के सम्पूर्ण जीवन और व्यक्तित्व को दर्शाया गया है। उनके जीवन के अनेक नए रोचक तथ्य अवश्य ही चमत्कृत और रोमांचित करने वाले हैं।